एडीबी ने घटाया भारत का जीडीपी विकास अनुमान, लेकिन चीन के मुकाबले काफी बेहतर हैं हालात
India's GDP Growth
नई दिल्ली | India's GDP Growth | भारतीय अर्थव्यवस्था भले ही दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही हो, लेकिन उसके रास्ते में महंगाई ‘डायन’ मुंह फैलाए खड़ी है. इसका असर देश की विकास दर पर भी पड़ने लगा है और तमाम रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ अनुमान घटा दिया है. इस कड़ी में अब एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भी विकास दर अनुमान घटाया है.
ADB ने बुधवार को कहा कि महंगाई के बढ़ते दबाव और सख्त मौद्रिक नीतियों को देखते हुए वित्तवर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर अनुमान घटाकर 7 फीसदी किया जाता है, जो अभी तक 7.2 फीसदी था. चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 13.5 फीसदी की गति से आगे बढ़ी थी. इसमें सबसे ज्यादा रोल सर्विस सेक्टर में आई तेजी का था. एडीबी का कहना है कि दबाव की वजह से भारत का विकास दर अनुमान भी घट रहा है.
कितनी रहेगी अगले साल विकास दर
एडीबी के अनुसार, चालू वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि अगले साल (2023-24) में इसके 7.2 फीसदी पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. अनुमान में इस गिरावट का कारण खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल और उपभोक्ता खपत घटना है. पेट्रोल-डीजल सहित अन्य तेल के दाम भी बढ़े हैं, जिससे उपभोक्ताओं के खर्च पर असर पड़ा है और अब पूरी अर्थव्यवस्था ही सुस्त पड़ गई है.
चीन की विकास दर भारती की आधी
एशियाई विकास बैंक ने कहा है कि चालू वित्तवर्ष में चीन की विकास दर भारत की आधी रह जाएगी. वहां कोविड-19 के नए मामले बढ़ने और सख्त लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ रहा है. साथ ही प्रॉपर्टी सेक्टर में आए संकट और बाहरी मांग घटने से भी विकास दर सुस्त पड़ रही है. अनुमान है कि 2022-23 में चीन की अर्थव्यवस्था 3.3 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी, जो पहले 5 फीसदी रहने का अनुमान था.
क्यों सुस्त पड़ रही विकास दर
रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई को थामने के लिए कर्ज महंगा कर दिया है. इससे उपभोक्ताओं के पास फंड की कमी हो रही और उनके खर्च में भी गिरावट आ रही है. उपभोक्ता खपत घटने से उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है और इस तरह विकास का पूरा चक्र प्रभावित होता है, जिससे विकास दर नीचे आ जाती है. फिलहाल खुदरा महंगाई 7 फीसदी के आसपास है और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने के लिए मई से अब तक रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है.
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